
गुरुवार को गुजरात के आसमान में जो मंजर दिखा, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था। जलते टुकड़े, लपटें, चीखें… और फिर उन सबके बीच एक चलता हुआ इंसान — नाम विश्वास कुमार रमेश।
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हादसे में 241 की मौत, एक अकेला बचा
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन मलबे से उठकर जो एक इंसान चलता हुआ बाहर निकला, वो अब ‘विश्वास’ का पर्याय बन चुका है।
परिवार से मिलने आए थे भारत
ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश (40 वर्षीय) लंदन से भारत अपने परिवार से मिलने आए थे। हादसे के दिन वे वापस लंदन लौट रहे थे। टेकऑफ के 30 सेकंड बाद तेज धमाका हुआ और विमान ज़मीन पर आ गिरा।
“जब होश आया तो चारों ओर सिर्फ लाशें थीं,” विश्वास ने कहा।
खुद से उठा और चलने लगा
इस भयावह हादसे के बावजूद, विश्वास को कोई बड़ा घाव नहीं हुआ। मलबे के बीच से वे खुद उठे और पैदल चलने लगे। पुलिस ने पुष्टि की कि सीट 11A पर बैठा व्यक्ति जीवित मिला। एंबुलेंस से उन्हें फौरन अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें “मिरेकल मैन” करार दिया।
भाई भी था विमान में, अब तक लापता
विश्वास की जुबान लड़खड़ा गई जब उन्होंने बताया,
“मैं बच गया… लेकिन मेरा भाई अजय कुमार रमेश अभी भी लापता है।”
यह एक भावनात्मक झटका था — खुद की जान बची, पर अपनों की खबर नहीं।
हकीकत है ये कहानी
ये कोई बॉलीवुड स्क्रिप्ट नहीं, जीवित हकीकत है। जहां एक आम आदमी, बिना सुपरहीरो सूट के, मौत को हराकर लौटा। इस पूरी घटना ने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि —
“क्या किस्मत वाकई में लिखी जाती है?”
हादसे में अन्य चर्चित नाम भी शामिल
इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है। पूरा गुजरात शोक में डूबा है, लेकिन इसी हादसे से उम्मीद की एक लौ बनकर निकला है विश्वास कुमार।
जब नाम ही बन गया ‘विश्वास’
241 लोगों की मौत के बीच विश्वास कुमार रमेश की कहानी सिर्फ एक जिंदा इंसान की नहीं है, यह मानव जिजीविषा, किस्मत और करुणा की मिसाल बन चुकी है। गुरुवार को अहमदाबाद में मौत ने दस्तक दी थी, लेकिन ‘विश्वास’ ने उसे मात दे दी।
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